क्या लिखू
कि 66 साल में देश इतना बढ़ गया है कि
एक इंसान को दूसरा इंसान नहीं दिखता
क्या लिखू
कि जो हाथ कही लग जाये तो पत्थर को भी सोना कर दे
आज उन हाथो से बना माल नहीं बिकता
क्या लिखू
कि अब घर और मकान में फर्क नहीं रहा
धरती पे एक ही तो स्वर्ग था वो स्वर्ग नहीं रहा है
धरती पे एक ही तो स्वर्ग था वो स्वर्ग नहीं रहा है
क्या लिखू
कि लाल मिर्च से अब नज़र नहीं उतर ती है
भिन्डी की सब्जी अब गले से नहीं उतर ती है
अब तो खाना हमको खायेगा ये दिन भी आयेंगे
भगवन अब धरती पर कब आयेंगे ?
क्या लिखू
कि अब तो सच्चा प्यार भी फेसबुक पे मिलता है
ईमान जैसे एक पेड़ है जो हवा के साथ हिलता है
घर 100*100 का और दिल चींटी से भी छोटा है
इतना तो अंग्रेजो ने नहीं लूटा जितना कांग्रेस ने लूटा है
क्या लिखू
कि हम खुद तो नहीं जागते ना दुसरो को जगाते है
एक दुसरे की राह में बस कांटे बिछाते है
अब तो चप्पल पहन कर भी चुभन महसूस होती है
यहाँ हर प्रशन का जवाब सिर्फ घूस होती है
अच्छा तो सब लिखते है
सोचा कुछ सच्चा लिखू
क्या लिखू क्या लिखू क्या लिखू