अगर हो अंधेरा तो दीपक जला कर देखो
चाहे कितना भी हो डर कदम बढ़ा कर देखो
लोगो को दुख तो बिजली के बिल भी दे जाते है
चाहे कितना भी हो डर कदम बढ़ा कर देखो
लोगो को दुख तो बिजली के बिल भी दे जाते है
चलते फिरते कभी किसी को हँसा कर देखो
लगती है जो तुम्हें ये दुनिया इतनी बेकार
ज़रा अपने चश्मे से धुल हटा कर देखो
ज़रा अपने चश्मे से धुल हटा कर देखो
लोगो कि आदतों से उनकी छवि जो तुम बना लेते हो
कभी उनके दिल के पास जाकर तो देखो
कभी उनके दिल के पास जाकर तो देखो
देखनी हो अगर दुनिया में सबसे खुबसूरत मुस्कान
कभी अपनी माँ के लिए थोडा़ वक्त निकाल कर देखो
कभी अपनी माँ के लिए थोडा़ वक्त निकाल कर देखो
हालातों से हार कर जो तुम बेठ गऐ हो
होते हैं सपने सच थोड़ी उम्मीद जगा कर तो देखो
होते हैं सपने सच थोड़ी उम्मीद जगा कर तो देखो