Friday 17 July 2015

करने से होगा !

अगर हो अंधेरा तो दीपक जला कर देखो
चाहे कितना भी हो डर कदम बढ़ा कर देखो
लोगो को दुख तो बिजली के बिल भी दे जाते है
चलते फिरते कभी किसी को हँसा कर देखो

लगती है जो तुम्हें ये दुनिया इतनी बेकार
ज़रा अपने चश्मे से धुल हटा कर देखो

लोगो कि आदतों से उनकी छवि जो तुम बना लेते हो
कभी उनके दिल के पास जाकर तो देखो

देखनी हो अगर दुनिया में सबसे खुबसूरत मुस्कान
कभी अपनी माँ के लिए थोडा़ वक्त निकाल कर देखो

हालातों से हार कर जो तुम बेठ गऐ हो
होते हैं सपने सच थोड़ी उम्मीद जगा कर तो देखो