क्लास में बैठें बैठें जब मे बाहर देखता हूँ
वो मैदान मुझे ललचाता है
बार बार कहता है
मै अधुरा हूँ तुम्हारे बिना
वो मैदान मुझे ललचाता है
बार बार कहता है
मै अधुरा हूँ तुम्हारे बिना
सुखा पडा रहता हे वो नल
जहाँ पानी पीने के लिए लडाईयां हो जाती थी
चुपचाप बैठी रहती हे वो अम्मा आजकल
जिसको अकसर हमारी गेंद छुपाने को मिल जाती थी
शायद वो भी मायूस हो गई है खाली मैदान की तरह
जहाँ पानी पीने के लिए लडाईयां हो जाती थी
चुपचाप बैठी रहती हे वो अम्मा आजकल
जिसको अकसर हमारी गेंद छुपाने को मिल जाती थी
शायद वो भी मायूस हो गई है खाली मैदान की तरह
चुपचाप निकल जाता है वो चुस्की वाला भैया
जिसकी घंटी की आवाज़ सुनकर खेल में अल्प विराम लग जाता था
याद आती है मुझे वो बातें
चुस्की खाते वक़्त
उस बरगद के नीचे
लू भी ठंडी शीतल हवा लगती थी जहाँ
क्रिकेट पे वाद विवाद का वहाँ अलग ही मज़ा था
पर अब गर्मियों की छुट्टियां खतम हो गई है
देख रहा हूँ में उस मैदान को अभी भी
वो अभी भी मुझको बुला रहा हैं!
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