रात थी और मै था
आँखों में प्रलय था
रास्ते भी कोसने लगे थे अब तो
शायद ये उसी का शहर था
बदनाम हुए उस नाम से जो नाम ही गलत था
वो तो सही थी पर उसको पाने का ख्वाब ही गलत था
हँसते हुए चेहरे तो खूब देखे है
पर उसके मुस्कुराने का अंदाज़ अलग था
दौड़ी चली आती थी वो मेरी साइकिल की आवाज सुन के
शायद उन दिनों मेरा भी अंदाज़ अलग था
समय बदला , जहाँ बदला , हम बदले
बस एक सवाल था
वो सच में ऐसी थी की
बस एक नकाब था
बदनाम हुए उस नाम से जो नाम ही गलत था
वो तो सही थी पर उसको पाने का ख्वाब ही गलत था
हँसते हुए चेहरे तो खूब देखे है
पर उसके मुस्कुराने का अंदाज़ अलग था
दौड़ी चली आती थी वो मेरी साइकिल की आवाज सुन के
शायद उन दिनों मेरा भी अंदाज़ अलग था
समय बदला , जहाँ बदला , हम बदले
बस एक सवाल था
वो सच में ऐसी थी की
बस एक नकाब था
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