Sunday 4 October 2015

भगवान

तू इतनी सुंदर है , शायद ही तुझसा कोई हो
तू माँ हैं , शायद ही तुझसा कोई हो

तेरे जीने की वज़ह तेरा परिवार होता हैं
तुझे कैसे सबसे इतना प्यार होता है ?
खुद को तू वक़्त कभी देती नहीं
अपनों के ख़िलाफ़ कुछ सहती नहीं

माँ तुझ जैसा बनना असंभव सा लगता हैं
किसी से इतना प्यार पाना सपना लगता हैं

इतना बड़ा दिल की दुनिया समां जाये
इतना त्याग सबके लिया की तुजे भगवान कहा जाये

अपने हर हाल को तू ठीक कहती हैं
हमारे लिए मुश्किलें तू हँस कर सह लेती हैं
माँ तू एक अजूबा हैं ये बात मैंने मान ली हैं
तू धरती पे भगवान का रूप है ये बात मैंने जान ली हैं!

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